#दशहरा की हार्दिक बधाई💐
शत्रु से सुरक्षा के लिए बनाई जानेवाली ईमारत का नाम ही दुर्ग है। दुर्ग अर्थात जहाँ पहुँचना कठिन हो, जहाँ राजा अपने परिवार व राजकोष सहित सुरक्षित रहता है...
हमारा शरीर राज्य है, आत्मा राजा है, पाँच ज्ञानेंद्रिया व पाँच कर्मेंद्रियाँ उसका परिवार है। अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष हमारा कोष, हमारी संपत्ति है...
काम, क्रोध, मोह, लोभ, अहंकार रूपी शत्रु निरंतर हमारे राजा पर आक्रमण करते रहते हैं ताकि वे हमारे दुर्ग पर अधिकार कर राजा ( आत्मा ) को अपने अधीन कर सकें...
राजा, राजपरिवार, राजकोष व दुर्ग की रक्षा के लिए 'दुर्ग' में अवस्थित 'शक्ति' ही "दुर्गा" है...
शंकाओं की इति अर्थात अंत करने का सामर्थ्य ही शक्ति कहलाता है...
शक्ति पर्व पर माँ दुर्गा आपको रूप दें, जय दें, यश दें व आपके शत्रुओं का नाश करें, आपका दुर्ग सुरक्षित रहे...
माता जी आपके परिवार को स्वस्थ, सुखी व खुश रखें...
आपका दिन व वर्ष शुभ हो...
🚩🙏 जय माता दी🙏🏻🚩
🌺जय श्री राम🌺